जब कोई पहली मुलाकात बताता है मेरा दिल भी जोर से धड़क जाता है मचल जाता हूं लम्हा फरियाद करके ज़ेहन में कोई वाकया याद आता है कभी,,, मैं भी गुज़रा था उसी राह से जवां उम्र की कातिल - हसीं रात से नज़र ने नज़र से, क्या कह दिया ? कैसे बताऊं ? 'हीरू' वो शुरुआत से गुस्ताख़ी निग़ाहों की क्या कर गई ? मैंने समझा मरीज-ए-दवा कर गई हकीम को बुलाओ कोई ऐ ज़ालिमों यह तो इश्क़-ए-उल्फ़त ख़ता कर गई रोहित मिश्रा 'हीरू' ©Rohit Mishra #PahliMulakat #वाकया #फरियाद #कातिल #गुस्ताख़ी #निगाहें #मरीज़ #हकीम