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जिसने हक़ दिया, मुझे मुस्कराने का.. उसे शौक है अब,

जिसने हक़ दिया, मुझे मुस्कराने का..
उसे शौक है अब, मुझे रुलाने का..
जो लहरों से छीनकर, लाया था किनारों पर..
इंतजार है उसे अब, मेरे डूब जाने का..

©Bhavna Mishra
  #जिसने हक़ दिया मुझे

#जिसने हक़ दिया मुझे #शायरी

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