Nojoto: Largest Storytelling Platform

मातृतृत्व (मातृप्रेम)— यशोदा मैया कान्हा तू काहे

मातृतृत्व (मातृप्रेम)— यशोदा मैया

कान्हा तू काहे सताए मोहे...।

भोर से निकाला अब सांझ भई
तेरी यादों में मैय्या खोई,
कबसे राह निहारे 
थक गए नैन अब मोरे,
जाने कितना सताए गोपियां
ये सोच सोच जी घबराए,
कान्हा तू काहे सताए मोहे ...।

न भेजूं अब गैया चराने
न करने दू चौखट पार,
गले लगाने को तड़प रही बाहें
नैन दरस बिन पथराए,
अपने हाथों पकवान बनाए
जो लल्ला के मन को भाए,
जल्दी जल्दी घर आजा लल्ला
तू इतना काहे सताए मोहे....।

नंद बाबा जल्दी जाओ
मेरे लल्ला को ले आओ,
मन को चैन तब तक न आवे
जब तक लल्ला को दरस न पावे।

©Heer
  #मातृत्व प्रेम - मैया यशोदा
heertrivedi5954

Heer

New Creator
streak icon57

#मातृत्व प्रेम - मैया यशोदा #Poetry

99 Views