(दिल क्या क्या सह गया) (नीचे पढ़ें) उम्र सिमटी बाजुओं में फासला सा रह गया, दर ब दर भटका तो क्या दिल सब कुछ सह गया, तोड़ने वाले के हाथों ज़ख्म न लग जाये, टूटते टूटते दिल दुआ ये दे गया, काश मेरी ये मोहब्बत की कहानी न रहे, जो कोई झूठा कहे तो ये जवानी न रहे,