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*📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘*“17/11/2021”*📝 ✨*“बुधवार”*

*📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘*“17/11/2021”*📝
✨*“बुधवार”*🌟

“जीवन” में सदैव वो नहीं होता हम चाहते है,
वैसा नहीं होता जैसा हम चाहते है,
अब हम “दुःखी” हो जाते है,“निराश” हो जाते है,
“भाग्य को दोष” देते है या किसी और को या “स्वयं” को,
किंतु “सत्य” क्या है ये हमें समझना होगा,ये “संसार” बना है “चट्टानों” से और “पत्थरों” से,तो हर स्थान पर हमें छोटे-छोटे “कंकड़” तो मिलेंगे ही,इससे तो कोई “छुटकारा” नहीं,
ठीक इसी प्रकार हमारे “जीवन” में भी “समस्याएं” होंगी ही,इनसे कोई छुटकारा नहीं मिलेगा,
एक “समस्या” को टाल दोगे तो दूसरी समस्या आ जाएगी,
दूसरी को टाल दोगे तो तीसरी आ जाएगी,
किंतु “समस्या” “जीवन” में रहेगी ही,और आपकी सहायता करने के लिए ही रहेगी,किसी न किसी रूप में, 
अब चारों ओर “कंकड़” है 
और आप पर निर्भर करता है कि आप क्या करते है ? 
किस मार्ग पर आगे बढ़ते है और किस प्रकार आगे बढ़ते है ? 
अब ऐसा तो सदैव “संभव” नहीं कि आपके “चरणों के नीचे” “पुष्पों की चादर” है ये तो “असंभव” है, 
इसलिए उचित तो यहीं है कि आप “चप्पले” पहन कर आगे बढ़े,इसका सार यही है कि जब भी “जीवन” में “समस्याएं” आए तो उसका “डटकर सामना” किजिए और समझने का प्रयास किजिए कि ये “समस्याएं” जीवन में आई
 क्यों और क्या “सीखा” कर गई ? 
आप में सदैव “दोष” आएंगे उन्हें “गुणों में परिवर्तित” किजिए,
ये “जीवन” और भी अधिक “सरल” होगा...
 *✍🏻“अतुल शर्मा”*

©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘 *“17/11/2021”*📝
✨ *“बुधवार”*🌟

*#“जीवन”* 

*#“भाग्य को दोष”*
*📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘*“17/11/2021”*📝
✨*“बुधवार”*🌟

“जीवन” में सदैव वो नहीं होता हम चाहते है,
वैसा नहीं होता जैसा हम चाहते है,
अब हम “दुःखी” हो जाते है,“निराश” हो जाते है,
“भाग्य को दोष” देते है या किसी और को या “स्वयं” को,
किंतु “सत्य” क्या है ये हमें समझना होगा,ये “संसार” बना है “चट्टानों” से और “पत्थरों” से,तो हर स्थान पर हमें छोटे-छोटे “कंकड़” तो मिलेंगे ही,इससे तो कोई “छुटकारा” नहीं,
ठीक इसी प्रकार हमारे “जीवन” में भी “समस्याएं” होंगी ही,इनसे कोई छुटकारा नहीं मिलेगा,
एक “समस्या” को टाल दोगे तो दूसरी समस्या आ जाएगी,
दूसरी को टाल दोगे तो तीसरी आ जाएगी,
किंतु “समस्या” “जीवन” में रहेगी ही,और आपकी सहायता करने के लिए ही रहेगी,किसी न किसी रूप में, 
अब चारों ओर “कंकड़” है 
और आप पर निर्भर करता है कि आप क्या करते है ? 
किस मार्ग पर आगे बढ़ते है और किस प्रकार आगे बढ़ते है ? 
अब ऐसा तो सदैव “संभव” नहीं कि आपके “चरणों के नीचे” “पुष्पों की चादर” है ये तो “असंभव” है, 
इसलिए उचित तो यहीं है कि आप “चप्पले” पहन कर आगे बढ़े,इसका सार यही है कि जब भी “जीवन” में “समस्याएं” आए तो उसका “डटकर सामना” किजिए और समझने का प्रयास किजिए कि ये “समस्याएं” जीवन में आई
 क्यों और क्या “सीखा” कर गई ? 
आप में सदैव “दोष” आएंगे उन्हें “गुणों में परिवर्तित” किजिए,
ये “जीवन” और भी अधिक “सरल” होगा...
 *✍🏻“अतुल शर्मा”*

©Atul Sharma *📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘 *“17/11/2021”*📝
✨ *“बुधवार”*🌟

*#“जीवन”* 

*#“भाग्य को दोष”*
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Atul Sharma

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