विश्वानि देव सवितर्दुरितानि परासुव। यद् भद्रं तन्न: आसुव।। हे सूर्यदेव! हमारे सम्पूर्ण पापों का नाश कीजिए और जो कल्याणकारी हो, वह हमें प्रदान कीजिए।। वेद #वेदज्ञान हमारे पाप नष्ट हों।