सुनो मेरी जान तुम्हें अपनी आंखों में बसाना चाहती हूं दिल में कैद करना चाहती हूं अपनी ज़िन्दगी तेरे नाम लिखवाना चाहती हूं हर मंदिर मस्जिद में जाकर हर दुआ में तुम्हे पाना चाहती हूं हो हम दोनों एक साथ हमसफ़र बनके ये सपना सच करना चाहती हूं अचानक से फिर ये कैसी हमें ये बद्दुआये लगी क्यों मोहब्बत में इतनी दूरियां बढ़ने लगी क्यों हमारे बीच में अब बातें कम होने लगी क्यों हमारा ये इश्क़ अब अधूरा सा होने लगा एक आखिरी ख्वाहिश है तुमसे मुझे हर जगह से चाहे तुम मुझसे दूरियां बना लो पर रोज सुबह मुझे हैलो का वॉइस मैसेज ही कर दो मिल जाएगा मुझे सुकूून इतने में ही बस ये आखिरी मुलाकात में मेरी ये आखिरी ख्वाहिश पूरी कर दो ©diksha #Adhoori #mohabat #akhiriMulakat