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शायद यही नियति है कि बुत बन जाओ और बैठने दो उन पंछ

शायद
यही नियति है
कि बुत बन जाओ
और बैठने दो उन पंछियों को 
अपने ऊपर
जो बीट किया करते हैं 

बस बुत बन जाओ 
और अपनी पथराई आँखों से निहारो
निकलता दिन, ढ़लती शाम,बदलता वक़्त 
गुजरते लोग
ठहरे जज़्बात 

ना धूप का शिकवा करो
ना छावं का गिला 
ना जुगनुओं का सदक़ा करो
ना तितलियों का ज़िक्र
बस बुत बन जाओ
शायद 
यही नियति है 

उदासियाँ 3 @ नियति

©Mo k sh K an #mokshkan 
#mikyupikyu 
#उदासियाँ_the_journey 
#Nojoto 
#Hindi
शायद
यही नियति है
कि बुत बन जाओ
और बैठने दो उन पंछियों को 
अपने ऊपर
जो बीट किया करते हैं 

बस बुत बन जाओ 
और अपनी पथराई आँखों से निहारो
निकलता दिन, ढ़लती शाम,बदलता वक़्त 
गुजरते लोग
ठहरे जज़्बात 

ना धूप का शिकवा करो
ना छावं का गिला 
ना जुगनुओं का सदक़ा करो
ना तितलियों का ज़िक्र
बस बुत बन जाओ
शायद 
यही नियति है 

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shonaspeaks4607

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