ये नींद कहीं गुम-सी हो गई है हमें फिर से लोरी सुना दो न माँ अपनी आँचल की सीतल छाया में फिर से मुझको सुला लो न माँ तेरा हर रिश्ता पवित्र है तु सीतल है, तु अनमोल है, माँ तो आज फिर से हमारे रिश्ते को पवित्र कर दो ना माँ पर तुझमे भी एक बुराई है माँ बिन बताये मत जाया करो ना, माँ बस मेरी उमर तुझे लग जाये खुदा से ये दुआ कबूल करवा दो ना, माँ #jinyjanvi#poemformaa #like#share#comments