किसने कहा कि कुछ जानना है या और कुछ पहचानना है, ऐसे सोच-समझकर तय कर के कौन रिश्ते बनाता है? वो कहते हैं जो जिक्र निकला तो बात दूर तलक जाएगी, हक है करें सवाल, पर जवाब की उम्मीद भी है.... किसने कहा? वक्त बेवक्त हो सकता है, रिश्ते सहज ही होते हैं। कोशिशों से हम थक गये या ऊब गये, किसने कहा? ना स्याही सूखेगी, ना शब्द खत्म होंगे। हर चीज़ जो शुरु होती है, जरुरी नहीं कि खत्म भी हो...! डायलॉग राइटिंग बहुत मुश्किल होती है, ये मेरे बहुत थोड़े से प्रयासों में से एक है गलतियों के लिए क्षमा करें। 😊🙏🏻🙈 **************************** "किसने कहा कि कुछ जानना है या और कुछ पहचानना है, ऐसे सोच-समझकर तय कर के कौन रिश्ते बनाता है? वो कहते हैं जो जिक्र निकला तो बात दूर तलक जाएगी, हक है करें सवाल, पर जवाब की उम्मीद भी है.... किसने कहा? वक्त बेवक्त हो सकता है, रिश्ते सहज ही होते हैं। कोशिशों से हम थक गये या ऊब गये, किसने कहा? ना स्याही सूखेगी, ना शब्द खत्म होंगे।