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मैरी उठती जवानी थी ज़ब मेरा दिल दर्द के मज़े से परि

मैरी उठती जवानी थी ज़ब 
मेरा दिल दर्द के मज़े से परिचित हुआ, 
कुछ दिनों तक शायरी का अभ्यास करता रहा 
और धीरे धीरे इस शौख ने तल्लीनता का रूप लें लिया। 
#महा कवि #प्रेमचंदजी 

अक्सर पाया है खुदको मैंने बड़े कवियों के कथन में 
#ATalk

©Rãjpøôt BãÑä Ãkâsh #ATalk

#WatchingSunset
मैरी उठती जवानी थी ज़ब 
मेरा दिल दर्द के मज़े से परिचित हुआ, 
कुछ दिनों तक शायरी का अभ्यास करता रहा 
और धीरे धीरे इस शौख ने तल्लीनता का रूप लें लिया। 
#महा कवि #प्रेमचंदजी 

अक्सर पाया है खुदको मैंने बड़े कवियों के कथन में 
#ATalk

©Rãjpøôt BãÑä Ãkâsh #ATalk

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