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जीना चाहा तो जिंदगी से दूर थे हम.. मरना चाहा तो



जीना चाहा तो जिंदगी से दूर थे हम..

मरना चाहा तो जीने को मजबूर थे हम..

सर झुका कर कबूल करली हर सजा..

बस कसूर इतना था कि बेकसूर थे हम..!

©Khan Sahab
  #बेकसूर_थे_साहब_हम