लिख कर कविता चार, बड़े गर्व से मैने कहा यार, तेरे लिए मैं, क्या-क्या लिख जाता हूँ l ऐसे थोड़े ही, सस्ते में प्यार निभाता हूँ l आँख दिखा, कमर मटका बड़ी लज़्ज़त से जवाव आता है l इन सब में तेरी कविता कौन है, ये सारे मेरे है, मैं हूँ इसमें, बता अब क्यों तू मौन है l शांत वातावरण, अशांत मन हो गया, कहा तो सच था उसने, मैं ऐं-बें ही झूठा शायर हो गया l ©मुखौटा a hidden feelings लिख कर कविता चार, बड़े गर्व से मैने कहा यार, तेरे लिए मैं, क्या-क्या लिख जाता हूँ l ऐसे थोड़े ही, सस्ते में प्यार निभाता हूँ l आँख दिखा, कमर मटका बड़ी लज़्ज़त से जवाव आता है l