शब्दों का श्रृंगार प्रेम है... सपनों का संसार प्रेम है.. उमड़ घुमड़ कर छाने वाले... हर एक मन हरषाने वाले... प्यासी धरती की पीड़ा पर.. अपना स्नेह लुटाने वाले.... बूँद-बूँद में जीवन अमृत... श्यामल घन बौछार प्रेम है... नानक और कबीर की वाणी.. मानस का उपहार प्रेम है...... खुसरो, मीरा, सूर, जायसी... ब्रजमोही रसखान प्रेम है..... फूल की गंध, रंग उपवन के.. हँसी ठिठोली, खेल बचपन के.. जिसकी धुन में झूम उठे मन.. वो कोयल की तान प्रेम है.... बिन बोले जो सबकुछ कह दे.. वो मीठी सी मुस्कान प्रेम है..... चुपके चुपके पलने वाला.... हर दिल का अरमान प्रेम है... कईं युगों से श्याम दीवाना..... जिस राधा की एक झलक का.. मधुर मिलन राधे कृष्णा का.. गीता का फरमान प्रेम है...... #Hindi poem# Prem