जाने की बात न करना तस्सवुर में फ़क़त तुम नज़र आते हो, तिश्नगी मेरी पल-पल बढ़ाए जाते हो, दीदार तेरा करने को नैन तरसते रहते हैं, लम्स को तेरी, मेरे तन-मन झुलसते रहते हैं, आस में हूँ कि यकायक तुम रूबरू आओगे, अपने सुर्ख़ लबों से मुझे छू, मेरी प्यास मिटाओगे, इल्तिजा है मेरी कि मिलन मुख़्तसर न रखना, मुराद हो न जब तक पूरी, जाने की बात न करना|| #जानेकीबातनकरना #yqdidihindipoetry #vineetvicky #may2022diary #vikini #lustylove #lovepoetry तस्सवुर- imagination फ़क़त- only तिश्नगी- thirst लम्स- touch यकायक- suddenly सुर्ख़- लाल