चऱाग़ जला रख़ा है,हमने राहों में ऐ चाँद ज़रा सम्भल कर आना,, सुना है सियाह रात को बेश़्तर लोग राह लेते हैं बदल,, पर तुम आना और संग अपने एक नई सुबह ले आना,, हमने तुम्हारी ख़ातिर जुगनुओं की आब़ चाऱाग़ों में रखा है बदल..!! जम्मू@..!! #चाऱाग़ आब़=चमक #जमशीदडायरी #जमशीद_शायरी #नोजोतो #नोजोतोहिन्दी #जमशीद_के_अल्फ़ाज़