वक़्त मुरीद हूँ मैं वक़्त का, सिखाता है मुझे वो हर करामात| ग़फ़लत करता हूँ जो मैं कभी, दिखा देता है मुझे वो मेरी औकात| खेल बड़ा निराला है जो वो खेलता है, राजा है जो बन जाता है रंक रातों-रात| घाव जितना भी गहरा हो भर जाता है, धीमे-धीमे, हौले-हौले वक़्त के साथ| परिवर्तन जो की मूल है संसार का, वक़्त का ही तो है इसके पीछे हाथ| रिमझिम बूंदों सी बरसती ज़िन्दगी में, पलों को जी लो बिन किये वक़्त बर्बाद|| #वक़्त #yqhindipoetry #importanceoftime #vineetvicky #poetryflashes #encoreekkhwab #encore_ek_khwab #nanowrimo2020