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दहेज जिसे कभी पूजा था देवी के रूप में आज उसे पैसों

दहेज जिसे कभी पूजा था देवी के रूप में
आज उसे पैसों से तोलने की ज़ुर्रत दिखाते हो
माँग कर दहेज बेटी के पिता से 
ए नादान तुम अपने ही बेटे की कीमत लगाते हो
जो अपने सपनों को तोड़ कर तुम्हारा घर सजाती है
उस लक्ष्मी स्वरूप को तुम सिर का बोझ बताते हो
जो खुद टूट कर दो घरों को जोड़ती है
उस सहनशीलता को तुम पैसों के लिए दुतकारते हो
दहेज जिसे कभी पूजा था देवी के रूप में
आज उसे पैसों से तोलने की ज़ुर्रत दिखाते हो
माँग कर दहेज बेटी के पिता से 
ए नादान तुम अपने ही बेटे की कीमत लगाते हो
जो अपने सपनों को तोड़ कर तुम्हारा घर सजाती है
उस लक्ष्मी स्वरूप को तुम सिर का बोझ बताते हो
जो खुद टूट कर दो घरों को जोड़ती है
उस सहनशीलता को तुम पैसों के लिए दुतकारते हो