दिल में फुरकत -ए- कसक, आंखे भी लाल रंग है,, चश्म -ए- नम ही नहीं हैं, जिगर बा'कमाल तंग है,, ऐसे तो न थे पहले कभी, ब'अद मेरे जैसे हो आज आज देख-कर तिरी सूरत, मिरा हर सवाल दंग है,, क्या कहें क्योंकर कहे, बड़ी कश-मकश में हैं हम उसे याद न आऊं कभी, जिसे मिरा खयाल तंज है,, फकत आज का दुख लिखकर, क्यों-कर रूकें मुद्दतों से है इन आंखों में, जो इस साल रंज है,, हर दिल को छू लेते हैं, तुम्हारे अल्फ़ाज़ सोहिल खुदा जाने किस-किस का, तुम्हारे हाल संग है,, #sad #poetry #Heart #words #Love #poetry #ShayaR #SohiL #Upadhyay