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White निहारता हूं दरो दीवार को कि शायद कहीं से कोई

White निहारता हूं दरो दीवार को कि शायद कहीं से कोई सदा आ जाए
 ऐसा लगता है कि मेरा मुर्शद हमेशा के लिए हमसे रूठ गया है
 कभी जो रहते थे मेरे साथ ओझल ही सही एक साए की तरह
 आज लगता है कि उनके दामन से मेरा हाथ छूट गया है

©Aurangzeb Khan #😥Aap
White निहारता हूं दरो दीवार को कि शायद कहीं से कोई सदा आ जाए
 ऐसा लगता है कि मेरा मुर्शद हमेशा के लिए हमसे रूठ गया है
 कभी जो रहते थे मेरे साथ ओझल ही सही एक साए की तरह
 आज लगता है कि उनके दामन से मेरा हाथ छूट गया है

©Aurangzeb Khan #😥Aap