Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं तुझे यूँ ही बेसब्र चाहता रहूँ , और कभी भी तुझस

मैं तुझे यूँ ही बेसब्र चाहता रहूँ ,
और कभी भी तुझसे कुछ न कहूँ ,
तो बोल न इसमें हर्ज़ क्या है ।

बस तेरी यादों को रखूँ पास मैं ,
और तुझसे सदियों तक दूर रहूँ ,
तो बोल न इसमें हर्ज़ क्या है ।

माँगू दुवाएँ तेरी खुशियों की मैं ,
और खुद बस अपने अश्कों में जियूँ ,
तो बोल न इसमें हर्ज़ क्या है ।

जो इबादत खुदा की करते रहे ,
खुदा उनको भी न मिला ,
मैं तुझको ही ख़ुदा समझ लूँ ,
तो बोल न इसमें हर्ज़ क्या है ।।


।।विवेक।। #हर्ज़ क्या है
मैं तुझे यूँ ही बेसब्र चाहता रहूँ ,
और कभी भी तुझसे कुछ न कहूँ ,
तो बोल न इसमें हर्ज़ क्या है ।

बस तेरी यादों को रखूँ पास मैं ,
और तुझसे सदियों तक दूर रहूँ ,
तो बोल न इसमें हर्ज़ क्या है ।

माँगू दुवाएँ तेरी खुशियों की मैं ,
और खुद बस अपने अश्कों में जियूँ ,
तो बोल न इसमें हर्ज़ क्या है ।

जो इबादत खुदा की करते रहे ,
खुदा उनको भी न मिला ,
मैं तुझको ही ख़ुदा समझ लूँ ,
तो बोल न इसमें हर्ज़ क्या है ।।


।।विवेक।। #हर्ज़ क्या है