White तुम्हारी अंजुमन में रंगरेखाओं-सी बिखरी सलवटें, जैसे पतझड़ की खामोशी में कोई बैरागी अपनी ही धुन में खोया हो। तुम और भी हसीन नजर आने लगी हो, सफेद बालों का वो इक सिरा गालों को छूते हुए धीरे से तुम्हारी नजरों के सामने आ गिरा। आज भी वही कशिश, वही मासूम अदाएं मुझे वैसे ही लुभाती हैं। ... मैं तुम्हें आज भी उतनी ही शिद्दत से चाहता हूं, बस जुबां खामोश हो चली है, पर तुम तो आज भी सब समझ लेती हो, मेरे बिना कुछ कहे। ©बदनाम कुछ भी.