एक ज़िन्दगी दफ़न होकर तेरे ही प्यार में मर जाना मैं चाहूँगा। तुम्हें दिल में बसाकर के घर जाना मैं चाहूँगा। मेरे गाने का मक़शत सिर्फ गुनगुनाना नहीं एसएस। जो कर ना सका ये ज़माना वो कर जाना मैं चाहूँगा।। .....#नयी #मुक्तक Mohmad Tanveer 'निर्मेय'