गुल जेसा भी हो गुलाब ना हो नशा केसा भी हो सबाब ना हो और शराब हर बार गलत रहे ऐसा कोई बन्द मैखाना बेजार ना हो ।। मुसाफिर कोई भी यारों ।। गम से टुटे दर्द की मजारों से ना मुडे चाहें रस्ता ।। कितना ही बीमार कयों हो।।✍💔 @kartik....k...ji nikki bhatt khushi kumawat.. 😊