आज फिर बिन बादल बरसात हुई एक और चिठ्ठी मिली। वो पहला प्यार याद आया फिर उसको थोड़ा परेशान करने का दिल किया। वैसे कुछ ख़ास ख्याल नहीं रखती उसका पर वो मुझे मुड़ कर देखे तो हल्का हँस लिया। ये शख्श वहीं है जिनकी एक झलक के लिए बेसुध घूमा करती थी। पानी की बोतल, पेन का बंडल और चॉकलेट भी उसके लिए रहती थी। मिठाई दोस्तों का नाम लगाकर लाती, पर हकीकत मे उसको ही खिलाती। चूल्हा चौका को हाथ भी नही लगाया पर लड्डू बनाने की बात आए तो सबसे आगे रहती थी। बाते अभी भी करते पर करीब नहीं आते। ख़ामोशीया अभी भी है हमारे बीच पर उनके लिए होठ खुलते नहीं। दूरिया इतनी भी नहीं है पर हम गले लगते नही। #shayarimood