*जमीन जल चुकी है आसमान बाकि है,* *वो जो खेतों की मदों पर उदास बैठे हैं,* *उन्ही की आँखों में अब तक ईमान बाकि है ,* *बादलों अब तो बरस जाओ सूखी जमीनों पर ,* *किसी का घर गिरवी है और किसी का लगान बाकि है ||* *#गाँवMeबारिशKiजरुरत !!*