कंधे पर कुछ देर बोझ लादकर मैं बहुत थक जाता हूँ, मगर माँ न थकी कभी भी मुझे 9 महीने लादकर पेट में.. माँ ने मुझे गोदी खिलाया अपना पेट काट कर खिलाया, और कतरा जाता हूँ उसको कमाई से दो कौर खिलाने में.. कैसा कमजर्फ हूँ मैं जो अपना फर्ज तक नहीं निभाता, एक माँ है तो बूढ़ी हो जाये तो भी मेरी फिक्र करती है... अभागी है वो सन्तान जिसे माँ पिता का प्यार न मिलता, मुझे मिला मगर मैं स्वार्थी उसी प्यार को ठुकराता हूँ... जिसने मुझको घर बार दिया मुझे दुनिया से मिलाया, मैं उसी अपने परमात्मा को वृद्धाआश्रम दिखलाता हूँ... लानत है मुझे जैसे बच्चों पर जो ये काम करते हैं, माता पिता के कर्ज के बदले उनको बेघर करते हैं... 😢 ©सखी #माँ #पापा #कर्ज #प्यार #वृद्धाआश्रम #क्यों #रब