मोहब्बत की कहाँ कोई उम्र होती है ग़ालिब हाँ माना इंतेज़ार बड़ा लंबा है बेसब्र है अपने यार से होने को मुखातिब चाँद एक आईना है ज़रिया एकलौता है मेहबूब के दीदार का तारे मेरे महबूब को भेजे हुए प्रेमपत्र मायना है उससे प्यार का ख्वाब ही हक़ीक़त होती है इस मोहब्बत की ज़रूरत है इसे भी बस ज़रा सी मोहलत की ये पलकों की आंखों से दूरियाँ न मिल पाने की हाय मजबूरियाँ ए काश की ये फूल न मुरझाये कभी मिलन हो .... ये दूरियाँ मिट जाएं सभी। #yqbaba#yqdidi#yqtales#yqquotes#ज़िन्दगी#मनकीबातें#फ़ूल जाने क्यूँ लगता है के धड़कने ख़रीदी हैं औऱ यह साँसें चलती हैं उधार से..! #YourQuoteAndMine Collaborating with Rana