दिल के पन्नों पे एहसासों के कलमों से लिखी , हर अक्षर की छाप जीवंत रखता हूँ, न मालूम हो तुम्हे, तुझे याद रखने को , तेरे दिए ज़ख्म को कुरेद हरा रखता हूँ। दिल के पन्नों पे एहसासों के कलमों से लिखी , हर अक्षर की छाप जीवंत रखता हूँ, न मालूम हो तुम्हे, तुझे याद रखने को तेरे दिए ज़ख्म को कुरेद कर हरा रखता हूँ।