पाक रूह से रूह मिल जाये तो दर्श ए ख़ालिद हो जाये, अधूरी हो कोई दिल ए इबादत फ़ज़ल ए ख़ुदा पूरी हो जाये। मिलना तेरा मेरा मानो एक दुआ थी काश तू मेरा हो जाये, मिलना हुआ तस्सवुर में तेरा मेरा मय्यसर मेरी पूरी हो जाये। सभी दोस्तों को प्यार भरा "नमस्कार" 🎀 आप सभी के लेखन को और बेहतर बनाने के लिए यहां पर रूटीन पोस्ट की जाती हैं , 🎀 रूटीन पोस्ट की Collab समय सीमा सिर्फ़ 4 घंटे या अगली रूटीन पोस्ट पर ख़तम हो जाती हैं ।