सफरनामा के सफर में हम एक कहानी लेकर आए हैं जिसका शीर्षक है, बचपन का प्यार।। तो हमारी कहानी का सफर शुरू होता है एक लड़के से जिसका नाम आर्यन है जिसका एक भरा पूरा परिवार होता है जिसमें उसके मां-बाप भाई बहन सभी हैं, आर्यन बहुत ही सरल स्वभाव का और एकांत पसंद लड़का है और ज्यादा किसी से घुलता-मिलता नहीं है और ना ही उसके ज्यादा दोस्त ही हैं, बात है उन दिनों की जब वह स्कूल में पड़ता है उसे किसी से कोई मतलब नहीं था बस स्कूल जाना और फिर स्कूल से घर आना बस यही रोज का उसका काम होता है, मगर फिर उसकी जिंदगी में एक नया मोड़ आया और उसे एक लड़की से प्यार हो गया और वह सरल स्वभाव का लड़का उस लड़की के ख्यालों में हो गया और सोचने लगा की कैसे उसका नाम और उसके बारे में जाने यह सोच ही रहा था तभी वह लड़की उसके सामने से गुजरी और वह उसे देखता ही रह गया तभी उसने देखा कि उसके घर के सामने वाले रामनगर कॉलोनी में जा रही है तो उसकी खुशी का कोई ठिकाना ना रहा उसे उसकी मंजिल साफ नजर आ रही थी अब उसे सिर्फ उसका नाम मालूम करना था, तभी आर्यन ने देखा की उसका एक दोस्त उस लड़की के घर पर दूध पहुंचाने जाता है फिर क्या था वह अपने दोस्त से मिला और उसके बारे में सारी जानकारी हासिल की और आर्यन को पता चला कि उस लड़की का नाम आंचल है और उसके परिवार में उसके मां-बाप और एक छोटी बहन है । तो आगे की कहानी जरूर पढ़िएगा बचपन का प्यार, पार्ट -2 ©Anit kumar #सफरनामा#कहानी#बचपन_का_प्यार पार्ट-1