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कश्ती को छूकर जो उठता है लहरों में स्पंदन! सर्द मौ

कश्ती को छूकर जो उठता है
लहरों में स्पंदन!
सर्द मौसम में, ताप का आलिंगन,
 स्वीकार हो मेरा अवलंबन,
 छंद-छंद, प्रेम कविता मेरी हो संपन्न! 🎀 Challenge-311 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 25 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
कश्ती को छूकर जो उठता है
लहरों में स्पंदन!
सर्द मौसम में, ताप का आलिंगन,
 स्वीकार हो मेरा अवलंबन,
 छंद-छंद, प्रेम कविता मेरी हो संपन्न! 🎀 Challenge-311 #collabwithकोराकाग़ज़

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anitasaini9794

Anita Saini

Bronze Star
New Creator