लफ़्ज़ों की नुमाइश क्या करें! ज़ज़्बात भरा यह दिल समझेगा कौन? लवों से अल्फ़ाज़ न निकले तो क्या करें! एहसास-ए-नगमें समझे कौन? #nagmein #jajbaat_e_dil