नए लोगों से मिलना है, नई ज़िन्दगी को जीना है, चाहत थी ज़िन्दगी के इस हिस्से से जल्द ही निकलूँ,जो 4 सालों से एक ही जगह बसाए है अब वो चाहत भी पूरी हुई, अब तो ज़िन्दगी के अगले हिस्से को जीना है अपने लिए ना सही, अब अपनों के लिए जीना है उन्होंने ही सम्भाली है हमारी आधी ज़िन्दगी, अब अगले पड़ाव में हमे उनके लिए कुछ करना है | -Kajal Srivastava #kbkajal #college #things #thoughts #life #4years #diary #quotes #zindagi #nojoto