अब आ गया गंभीरता मेरे लहजे मे बहुत कुछ सोच जाता हूँ, कोई दुश्मन भी हो मेरा उससे भी प्यार के दो लफ्ज बोल जाता हूँ, जिन्दगी देती है हर रोज नये-नये जख्म भी मुझको, मैं मुसकुराते हुए उन जख्मों को अक्सर झेल जाता हूँ!! अभि बदलो जिन्दगी