"फ़क्र किया करते हैं" हम बियाबान में सन्नाटों से गुफ्तगू किया करते है, खुद में खुद को ही अक्सरतलाश किया करते है। दुआओं के सहारे खेते नहीं ख्वाबों की कश्ती, कुछ भरोसा बाजुओं पर भीअपने किया करते है। जहाँ जाते है परचम फहराकर दम लेते है मुश्किलों को ललकार सीने परवार किया करते है। तुम्हारे मुताबिक 'मुकद्दर' होताहोगा कोई लफ्ज़ हम पसीने की बूंदों पर बहुतफ़क्र किया करते है। ये क्या जरा सी सरसराहट से डर जाते हो दोस्त,हाथ फैला कर तूफानों से हमबातें किया करते है। सुहाने सपनों में सोये सोये तुमसब कुछ खोते रहे, हम मंजिले-मक़सूद के लिए रातकाली किया करतें हैं। #MeraShehar #hindi #bharatsilana #motivational