मैं दिल की किताब खोलू तो, कुछ हँसते चेहरे नज़र आते है। कभी जो थे एक दूसरे के हमदर्द, वो दोस्त पुराने नज़र आते है। जब याद किये साथ बिताए पल, आंखों से आँसू टपक आते है। मंजिले तो मिली इस जीवन की राह में, ओर अब दोस्त ना नज़र आते है। जो देखे थे ख्वाब बचपन मे एक साथ, वो पूरे होते नज़र आते है। पर जब करू आंखे बंद तो, वो दोस्त पुराने नज़र आते है। (Sameer jain) #frindship