पहले पहले जब yq पर लिखना शुरू किया तो अच्छा लगता था अपने मन की बात को बेबाक होकर लिख लेते थे... फ़िर थोड़ा दुसरो के कोट को पढ़ना शुरू किया और ये भी अच्छा लगा... जैसे जैसे yq के नये फ़िचर आते गये अच्छा लगता पर विगत कुछ दिन से कुछ बाते देखकर मन थोड़ा विचलित हुआ जिस पर लिख रहा हूँ अगर कुछ गलत लगे तो क्षमा प्रार्थी हूँ... (............full piece in Caption) कुछ शब्द बालिकाओ के लिए... सभी को अपने हिसाब से लाइफ़ जीने की आजादी है और अच्छी बात भी है पर कुछ लोग होते हैं जो अर्थ का अनर्थ बना देते हैं... यहाँ पर yq की टीम की तरफ़ से अलग अलग कोट लिखने की स्वतंत्रता है और सभी अपने हिसाब से लिखते भी हैं पर अगर किसी बालिका ने ईरोटिका कोट को लाईक कर दिया या फ़िर अपने विचार लिख दिया वो भी मर्यादा मे रहकर, पर अगर उसने टैग को लगा दिया तो कुछ लोग भेड़ की तरह कोट पर टूट पड़ते हैं... अरे किसी ने अगर कुछ लिख दिया इसका ये मतलब थोड़ा न है कि वह गलत है, लिखना अलग बात है