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कैसा गुरु स्वीकारें ? जो समभाव से देखे संसार, जो

कैसा गुरु स्वीकारें ?

जो समभाव से देखे संसार,
जो सिखाये सार्थक शिष्टाचार,
जो रखे दूर माया अलंकार,
ऐसा गुरु हम करे स्वीकार !

जो ज्ञान से करे तन मनियार,
जो सिखाये भक्ति अपरम्पार,
जो रखे दूर मादक आहार,
ऐसा गुरु हम करे स्वीकार !

जो बुरी संगत पर करे प्रहार,
जो सत्यता संग रखे विचार,
जो रखे दूर घातक हथियार,
ऐसा गुरु हम करे स्वीकार !

जो धर्मो का नित करे प्रसार,
जो कर्मों का नित रखे आधार,
जो रखे दूर भ्रामक व्यवहार,
ऐसा गुरु हम करे स्वीकार !

जो अंतर्मन की सुनले पुकार,
जो कारुणिक का करे उद्धार,
जो रखे दूर कुभाव व्यभिचार,
ऐसा गुरु हम करे स्वीकार !

कवि आनंद दाधीच, बेंगलूरु

©Anand Dadhich #kaviananddadhich #poetananddadhich #hindikavitaye #kavisammelan #poetsofindia 

#Gurupurnima
कैसा गुरु स्वीकारें ?

जो समभाव से देखे संसार,
जो सिखाये सार्थक शिष्टाचार,
जो रखे दूर माया अलंकार,
ऐसा गुरु हम करे स्वीकार !

जो ज्ञान से करे तन मनियार,
जो सिखाये भक्ति अपरम्पार,
जो रखे दूर मादक आहार,
ऐसा गुरु हम करे स्वीकार !

जो बुरी संगत पर करे प्रहार,
जो सत्यता संग रखे विचार,
जो रखे दूर घातक हथियार,
ऐसा गुरु हम करे स्वीकार !

जो धर्मो का नित करे प्रसार,
जो कर्मों का नित रखे आधार,
जो रखे दूर भ्रामक व्यवहार,
ऐसा गुरु हम करे स्वीकार !

जो अंतर्मन की सुनले पुकार,
जो कारुणिक का करे उद्धार,
जो रखे दूर कुभाव व्यभिचार,
ऐसा गुरु हम करे स्वीकार !

कवि आनंद दाधीच, बेंगलूरु

©Anand Dadhich #kaviananddadhich #poetananddadhich #hindikavitaye #kavisammelan #poetsofindia 

#Gurupurnima