ये दौर है अफरा तफरी का और वक़्त है नफसा नफसी का कुछ होश नहीं इंसान को खतरा है सबकी जान को एक खौफ सा सब पे छाया है हर चेहरा ही मुरझाया है क्यों दुनिया में अंधेरा है? क्यों ज़ुल्म ने सब को घेरा है? आवाज़ ये दिल से आती है और राज़ हमें बतलाती है दीन को हमने छोड़ दिया खुदा से रिश्ता तोड़ दिया रब की हर बात को भूला दिया अब तो तोड़ा संभल जा ए दीन की जानिब लौट आ खुदा की जानिब लौट आ ए रब की जानिब लौट आ #Kavishala#Hindinama#Nojotokhabri#LautAao#SambhalJao