दुनिया के लोगों से मेरी बनती नहीं मुझमें विशवास और उनमें सब्र नहीं, लोग मुझे काफ़िर कहि कर हस देते है मेरे खुदा से राबते है किसी को खबर नहीं, मैंने खुदा से पुछा क्या इश्क़ अच्छा है वो बोला हां तु करना मगर नहीं, मैंने अपनी आँखों से देखा मंजर आशिको का किसी को कफ़न ना मिला किसी को क़ब्र नहीं। ©Gurinder Singh #guri007 #Trending #Shayari #flyhigh #diffrentworld