(राधा बंसी धुन के इंतजार में..) जमुना के तट पर..मैं आज फिर आई, श्याम ने अभी तक..मुरली ना बजाई, याद करूँ जो छवि खड़ी खड़ी तट पर.. दिखें चहुँ ओर..श्याम की ही परछाई। सुंदर नीर में..श्याम की छवि समाई, देख करने लगी..जमुना से लड़ाई, श्याम तो है मेरे और सिर्फ मेरे.. प्रेम की बातें..जोर से समझाई। सुन बात मेरी..जमुना मधुर मुस्काई, कलकल झलझल कर वो मुझे बुलाई, बोली श्याम तेरे.. तेरे ही रहेंगे.. देखों श्याम ने येही धुन है बजाई। स्वरचित कवि आनंद दाधीच बेंगलूरु,भारत ©Anand Dadhich #राधा_कृष्ण_के_इंतजार_में #lovepoems #kaviananddadhich #poetananddadhich #poetsofindia #poetsof2023