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✫꧁༒ मां सावित्री ༒꧂✫ तब भी सरस्वती थी मैया

✫꧁༒ मां सावित्री ༒꧂✫

तब भी सरस्वती थी मैया
      बड़ा ऊंचाइयों का रवैया ,
छोरियों खातिर भूल भुलैया 
       बाकी ज्ञान ही ज्ञान था ।

जली अकेली बदनामी में 
         छाया जब अज्ञान था ,
कलम उठाई शिक्षा खातिर 
         नहीं क्षेत्र शमशान था ।

यात्ना झेली रूढ़ीवाद की
      मार पड़ी जब मनुवाद की ,
शस्त्र उठाकर किया वार तो
        झुका दिया विज्ञान था ।

मां सावित्री बाई फुले का
      सब कुछ स्वाभिमान था ,
आग लगी स्त्री - दहन की 
      छोड़ दिया घर मकान था 

भिडे वाड़ा में स्कूल खुलाया
   महिला को सम्मान दिलाया ,
पुणे सतारा महाराष्ट्र में 
बुलंद किया हर मुकाम था ।.

©Ajay Tanwar Mehrana # maa tujhe Salaam
✫꧁༒ मां सावित्री ༒꧂✫

तब भी सरस्वती थी मैया
      बड़ा ऊंचाइयों का रवैया ,
छोरियों खातिर भूल भुलैया 
       बाकी ज्ञान ही ज्ञान था ।

जली अकेली बदनामी में 
         छाया जब अज्ञान था ,
कलम उठाई शिक्षा खातिर 
         नहीं क्षेत्र शमशान था ।

यात्ना झेली रूढ़ीवाद की
      मार पड़ी जब मनुवाद की ,
शस्त्र उठाकर किया वार तो
        झुका दिया विज्ञान था ।

मां सावित्री बाई फुले का
      सब कुछ स्वाभिमान था ,
आग लगी स्त्री - दहन की 
      छोड़ दिया घर मकान था 

भिडे वाड़ा में स्कूल खुलाया
   महिला को सम्मान दिलाया ,
पुणे सतारा महाराष्ट्र में 
बुलंद किया हर मुकाम था ।.

©Ajay Tanwar Mehrana # maa tujhe Salaam