मेरी दुनियां में इल्जामात की कोई कमी तो नहीं तू भी मड़ दे एक इनका कोई हिसाब भी तो नहीं। जिस लिखावट को मेरी कलम की नुमायदगी समझ रहे हो देखो जरा, तुम्हारी बताई हुई कोई दास्तान ही तो नहीं। तुम सममझाओगे मैं समझने की कोशिश करूंगा पर हर बात समझने लायक हो ये जरूरी भी तो नहीं। दास्तान-ए-जिंदगी तेरी बयां तो कर दु मैं फ़ख्त बेवफाई के तूने कुछ किया भी तो नहीं। के लिख तो डालू मोहब्बत में तुझको खुदा मगर उसकी ख़ुदाई तेरी जागीर भी तो नहीं। ©Sourabh Kumar #love #pain #sks1711997 #SAD #nojohindi #Hindi #Shayar #sad