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भरी महफ़िल में जब उसने हमें जोर दिया, हमने भी दर्द

भरी महफ़िल में जब उसने हमें जोर दिया,
हमने भी दर्दों को मुस्कुरा कर परोस दिया!

जब लोग बजाने लगे तालियां वाह-वाही में,
तो हमने भी बहते अश्कों को रोक लिया!

मुस्कुरा रही थी वो मेरे हाल पर, उनकी
मुस्कुराहट के लिए  खुद को गमों में झोंक दिया!

हम भी बड़े खुदगर्ज हैं इश्क में,
देख कर भी उनको हमने मुंह मोड़ लिया!

अहसास था शायद उन्हें हमारी मोहब्बत का,
नज़रें मिली तो नजरों ने अश्क छोड़ दिया!

ज़ख्म-ए-मोहब्बत का दर्द बहुत हैं,
मुस्कुरा कर हमने दर्दों को निचोड़ दिया!

हंसती हुई महफ़िल भी डूब गई गमों में,
ऐ "कांत" जब हंसते हुए हमने दम तोड़ दिया #Dardo_Ko_Muskurakar_Paros_Diya
भरी महफ़िल में जब उसने हमें जोर दिया,
हमने भी दर्दों को मुस्कुरा कर परोस दिया!

जब लोग बजाने लगे तालियां वाह-वाही में,
तो हमने भी बहते अश्कों को रोक लिया!

मुस्कुरा रही थी वो मेरे हाल पर, उनकी
मुस्कुराहट के लिए  खुद को गमों में झोंक दिया!

हम भी बड़े खुदगर्ज हैं इश्क में,
देख कर भी उनको हमने मुंह मोड़ लिया!

अहसास था शायद उन्हें हमारी मोहब्बत का,
नज़रें मिली तो नजरों ने अश्क छोड़ दिया!

ज़ख्म-ए-मोहब्बत का दर्द बहुत हैं,
मुस्कुरा कर हमने दर्दों को निचोड़ दिया!

हंसती हुई महफ़िल भी डूब गई गमों में,
ऐ "कांत" जब हंसते हुए हमने दम तोड़ दिया #Dardo_Ko_Muskurakar_Paros_Diya
rkant9296301400916

RKant

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