*आदमी की औकात !!!!* *फिर घमंड कैसा* घी का एक लोटा, लकड़ियों का ढेर, कुछ मिनटों में राख..... बस इतनी-सी है *आदमी की औकात !!!!* ©Ritik Verma the Swan *आदमी की औकात !!!!* *फिर घमंड कैसा* घी का एक लोटा, लकड़ियों का ढेर, कुछ मिनटों में राख..... बस इतनी-सी है *आदमी की औकात !!!!*