तुम हो गांव की तरसती मिट्टी, बस मेरे लिए मैं बरसात कि वो बूंद बन जाऊं बस तेरे लिए। तुम हो जिंदगी उजाले में बस मेरे लिए, मै जग रातों को ख्वाब बुनूं बस तेरे लिए। तुम हो अमावस की रात बस मेरे लिए, मैं पूर्णिमा का चांद बन जाऊं बस तेरे लिए। तू बन प्याला बस मेरे लिए, मैं शराब बन जाऊं बस तेरे लिए। तू बन मोहब्बत बस मेरे लिए , मैं इश्क बन जाऊं बस तेरे लिए। #loverquotes#poem #mohhabat