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मैं अब थोड़ा कम मुस्कुराता हूँ.... बुलाती हैं मुझे

मैं अब थोड़ा कम मुस्कुराता हूँ....
बुलाती हैं मुझे मंजिल मगर,
मैं सफ़र पर जाता कम हूँ....

कुछ इसलिए भी इश्क में मात हुई है मेरी,
मैं बिखरे हुये लोगों से दिल लगाता बहुत हूँ...
नासूर हो गया है ये दिल का ज़ख्म भी,
मैं रातों में इसको दबाता बहुत हूँ...

एक तस्वीर है जो कुछ याद दिलाती है..
सच मानो मैं उस पल को भूल जाना चाहता हूँ...
मैं तंग आ गया हूँ अपनी कुछ आदतों से,
मैं दिमाग कम और दिल लगाता बहुत हूंँ... #मजिंल #सफर
मैं अब थोड़ा कम मुस्कुराता हूँ....
बुलाती हैं मुझे मंजिल मगर,
मैं सफ़र पर जाता कम हूँ....

कुछ इसलिए भी इश्क में मात हुई है मेरी,
मैं बिखरे हुये लोगों से दिल लगाता बहुत हूँ...
नासूर हो गया है ये दिल का ज़ख्म भी,
मैं रातों में इसको दबाता बहुत हूँ...

एक तस्वीर है जो कुछ याद दिलाती है..
सच मानो मैं उस पल को भूल जाना चाहता हूँ...
मैं तंग आ गया हूँ अपनी कुछ आदतों से,
मैं दिमाग कम और दिल लगाता बहुत हूंँ... #मजिंल #सफर