मेरी कहानी में उसका होना बस इत्तेफाक था...... (पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़ें) मेरी कहानी में उसका आना इत्तेफाक था उससे मिलना, प्यार होना तो अकस्मात था बस उसका चला जाना और मेरी जिंदगी का वहीं ठहर जाना, यही एक अजीब जज़्बात था आज भी अपने खाली वक्त में मैं अक्सर उसी मोड़ तक जाती हूं,