होशलें बुलंद हो तो बंज़र जमीं पर भी फ़सल उगाए जाते हैं नाराज़गी तख्त पर रख के, भाइयों के साथ कई ख्वाब सज़ाए जाते हैं वो कहते हैं, तू फोन क्यूँ नहीं करता, और कई दफ़ा मुझे डाँट लगाए जाते हैं सब की खुशियों में, वो हर वक्त खुद को शामिल कराते हैं घर में बड़े होने कि क्या खूब वो ज़िम्मेदारियां निभाते हैं जब भी मिलता हूँ मैं उनसे, वो सारी नाराज़गियां भूल से जाते हैं कब आया, ऐसा कहकर क्या खूब वो मेरी गलतियां छुपाते हैं वो कहते नहीं कभी किसी से, लेकिन उनके संघर्षो को हम सब ने देखा हैं अपनी साइकिल तक बेच दिए थे उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए एक शाम की भूख मिटाने को, उन्होंने कच्ची, जली हुई रोटियाँ भी सेका हैं आप यकीन मानिए उन्हें क्या खूब अपने आँसू छुपाने आते हैं मुसीबतों में हम सब भाइयों के साथ आज़ भी वो कांधा मिलाने आते हैं अर्जुन कहुँ, कृष्ण कहुँ या कहुँ, मैं आपकों रामा विजय पथ पर जो चला, कहुँ मैं आपकों अश्वतधामा! #Happy_Birthday_Rocky_Bhaiya_